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Friday, April 3, 2009

सुन के महत्ता

कखनो कखनो कह परई छई कनी हमरो सुनु । बाज के दुनिया भइर के आदत अइछ, सुनबला कमे हैता । सबगोटा के अप्पन राम कहानी , अपन हर्स अपन विसादो मुदा दोसरो के संगे किच्छो भ रहल अइछ एकर कमे चिनता कैल जाई अई ।
तइयो अइस पैग दुखक गैप छई चिंता नई रहैतो चिंता के ढोंग कैनाइ। एकर किछ ख़ास कारन नई होईअ । सामाजिक चेहरा बचाव के प्रयास, नई ता होईअ रिसता बचाव के कोसिस। मुदा दुनु दिसे कनिके सही लेकिन एक टा मित्रक संवेदनाक के कमी खलईअ , चाहे ओ कोनो सम्बन्ध होए परस्पर भवनक बुझने -सूझने बिना सौहाद्रपूर्ण ओकरा निभैनाई कठिने नई असंभव जका बुझाई छई।
जे अगर सुनबो केलऊँ गप त अपने राग में एकटा सुझाव टैंक देनाई नई त रोब गाइँठ क समस्या से बिसरिए जाय के अपेक्षा केनाई त हमर सबक बेसीतर पारिवारिक मनमुटाव के जड़ अइछ ।
से बुझि लिअ, जे अपन सुनाब चाहई छि त दोसरो के सुन के अभ्यास कर पड़त। अंग्रेजी के फकरा जकां गप अई की "इफ यु नीड अ फ्रेंड ,यु नीड टु बिकम वन" ।

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